वो पत्रकार खलनायक नही नायक है !
उड़ीसा के दाना मांझी अपनी पत्नी की मौत के बाद उसे सरकारी अस्पताल से अपने कंधे पर रखकर अपनी बेटी के साथ 12 km पैदल चल कर आये । इस घटना ने हमारे समाज की काली सच्चाई सारे विश्व के सामने रख दी । इस घटना से पहले दिन ही हमे विश्व का 7वा सबसे आमिर देश घोषित किया गया था । इन आकड़ोऔर जमीनी सच्चाई में तोह बहुत ज्यादा फरक है ,इसलिए जीडीपी भले ही 8 हो जाये उससे कोई देश के गरीब वर्ग के अच्छे दिन आने की कोई गारेंटी नहीं है . खैर यह पोस्ट में इस घटना को दुनिया के सामने लाने वाले OTV के पत् रकार Ajit Singh के ऊपर लिख रहा हु । बहुत सारे लोगो का मानना है की अजित जी ने उस दिन दाना मांझी की tatkal मदद न कर खुद बहुत गलत कार्य किया है और वो भी आम जनता और सरकार जितने ही जिम्मेदार है । मेरा मानना है की अजित सिंह कोई villian नहीं बल्कि बहुत बड़े hero है । अजित जी घटना की जानकारी मिलते ही फ़ौरन जिलाधिकारी को फ़ोन किया था पर एम्बुलेंस का इंतज़ाम करने में बहुत समय लग गया । अगर वह खुद जाकर मांझी की मदद कर देते तोह यह घटना कभी सामने ही नहीं आती । ऐसा नहीं है था की अस्प्ताल में एम्बुलेंस नहीं थी ,पर मांझी के पास प