राजन और अफजल / अवार्ड वापसी gang


एक बार फिर से ‪#‎अफजल‬ गुरु ,याकूब मेमन प्रेमी gang ने रोना-धोना शरू कर दिया है । इस बार रोना ‪#‎राजन‬ साहेब पर है जिन्हें दूसरे कार्यकाल का एक्सटेंशन नहीं मिला । आप कहेंगे उन्होंने खुद ही मना कर दिया था । लेकिन वो भी जानते थे स्वामी के विरोध के बाद दूसरा कार्यकाल मिलना असंभव है इसलिए खुद ही न बोल दिए । में अर्थशास्त्र के बारे में बहुत कम जानता हु पर फिर इतना तोह तय है उनके जाने से कोई खास फरक पढ़ने वाला नहीं है । उनकी जगह शायद अरुंधति भटाचार्य लेगी जो sbi की प्रमुख है , और काबिल भी । तोह राजन जी के जाने से कोई फरक तोह पढ़ेगा नहीं ।
राजन साहेब अमेरिका जाने वाले है पढ़ाने के लिए । वो अगर चाहते तोह भारत में पढ़ा सकते है इससे देश का ही भला होगा ,पर उनका अमेरिकी प्रेम समझ से परे है । स्वामी जी ने आरोप लगाये की वह अप्रत्यक्ष रूप से अमेरिका की मदत करते है । राजन के पिता खूफिया विभाग में थे जिन्हें cia से कनेक्शन की वजह से राजीव गांधी ने नौकरी से निकाल दिया था । में बस इतना कहना चाहता हु की राजन के जाने से कोई हाहाकार नहीं मच जायेगा । भारत में एक नहीं 100 लोग है जो उनकी जगह ले सकते है । राजन के समर्थन केवल मोदी विरोध की वजह से हे । और समर्थन करने वाले कौन है अफज़ल प्रेमी gang , कन्हैया supporter , दादरी/मालदा में छाती पीटने वाले ,अवार्ड वापसी गैंग । यह कुछ नया नहीं हो रहा है ,में आपसे मोदी समर्थन की उम्मीद भी नहीं करता । social मीडिया की ताकत के सचाई आज नहीं तोह कल सामने आ ही जायेगी । कागज में लिख लीजिये एक साल बाद भी अर्थव्यवस्था सही से ही दौड़ेगी मगर आपका gang फिर कोई नया मुद्दा लेकर आएगा और दादरी ,jnu तरह सच्चाई एक बार फिर से सामने आ ही जायेगी । वैसे भी आपका गैंग कलाम साहब जैसे व्यक्तियो के लिए तोह कभी सामने आने वाला नहीं ।
अगली पोस्ट चेतन चौहान के nift चेयरमैन बनने पर । 

आपके कमेंट का इंतज़ार रहेगा भले ही आज कल नहीं पर कुछ सालो बाद जरुर .

Comments

Popular posts from this blog

What is wrong with India's Tourism Industry ?

How to eradicate castes from India ?